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प्रधानमंत्री इलेक्टोरल बांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चुप क्यों, कांग्रेस ने किया तीखा प्रहार

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो. विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, दामोदर गोस्वामी, प्रद्युम्न दुबे, शिव कुमार चौरसिया, श्रवण पासवान, विपिन बिहारी सिन्हा, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, आदि ने कहा कि बिहार के अररिया, मुंगेर में प्रधानमंत्री आज माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईवीए पर आए फैसले की चर्चा कर कांग्रेस, राजद सहित इंडिया गठबंधन पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्ट्रोरल बॉन्ड स्कैम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के आला अधिकारियों को फटकार लगाते हुए इससे भाजपा को इससे प्राप्त हुए हज़ारों करोड़ चंदा को सार्वजानिक होने पर प्रधानमंत्री चुप हैं। इस विश्व के सबसे बड़े घोटाला पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं, देश की देवतुल्य जनमानस उनसे जानना चाहती है। नेताओं ने कहा कि दिन, चुनावी सभाओं में नान भेज की चर्चा करने वाले प्रधानमंत्री जी देश को यह भी बताए कि बीफ बेचनेवाली कंपनी से भाजपा ने कितने सौ करोड़ चंदा लिए, कोरोना महामारी में कोविशील्ड जैसे वैक्सीन बनाने वाले कंपनी से भाजपा ने एक दिन में सबसे ज्यादा चंदा 518 करोड़ चंदा लिया। उसकी भी चर्चा करें।
नेताओं ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रोरल बॉन्ड स्कैम मामले में देश की 140 करोड़ जनता को ऐतिहासिक फैसला देकर बताया कि देश के एक, एक व्यक्ति को सूचना के अधिकार के तहत यह जानने का हक है कि किस पार्टी को कितना चंदा किस श्रोत से मिला है। नेताओं ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि आज ईवीएम पर आए फैसले की चर्चा के साथ, साथ इलेक्ट्रोरल बॉन्ड पर आए ऐतिहासिक फैसला, सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायधीशों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस जनता को अपनी कठिनाइयों को बताने, सैकड़ों अधिवक्ताओं द्वारा सामूहिक हस्ताक्षर कर न्यायापालिका की निष्पक्ष, स्वच्छ,आदि बिंदुओं पर आवेदन आदि सभी बिंदुओं पर बोले। नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने चंदा में पारदर्शिता की बातें कर राजनीतिक पार्टियों को इलेक्ट्रोरल बॉन्ड से चंदा की पद्धति की शुरुआत की तथा इसे सूचना के अधिकार से मुक्त यानी इसकी गोपनीयता की जानकारी किसी को नहीं देना है, परंतु माननीय सुप्रीम कोर्ट इसमें भारी घोटाला को देखते हुए इलेक्ट्रोरल बॉन्ड को रद्द करने तथा देश के किसी भी नागरिक को इसकी जानकारी देने का अधिकार देकर कीर्तिमान स्थापित किया है।

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